कुलजीत कौर: नामधारी डेयरी (केसला) महिला उद्यमी की प्रेरक कहानी
परिचय
कुलजीत कौर का विवाह नर्मदापुरम जिले के मोरपानी ग्राम के एक कृषक परिवार में हुआ था। व्यापार में उनकी शुरू से ही रुचि थी, और विवाह के पश्चात उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया। उनके पति ने भी उनका पूरा समर्थन व सहयोग किया । कुलजीत कौर ने परिवार के सहयोग से डेयरी का कार्य प्रारंभ किया, जिससे उनकी सालाना आमदनी 1,50,000/- रुपये हो गई।
समस्या और अवसर
कुलजीत कौर अपनी डेयरी का विस्तार करना चाहती थीं, लेकिन उनके पास आवश्यक संसाधनों की कमी थी। उसी दौरान उन्हें पीएमएफएमई (PMFME) योजना के बारे में पता चला, जो उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर लगा।
योजना का क्रियान्वयन
कुलजीत कौर ने पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत 31.78 लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया। इस राशि का उपयोग उन्होंने दुग्ध उत्पाद बनाने की मशीनें खरीदने में किया। उन्होंने अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के दुग्ध उत्पाद जैसे- श्रीखंड, रबड़ी, घी, पनीर आदि का निर्माण और विक्रय शुरू किया।
उत्पादन और बिक्री
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
कुलजीत कौर की सालाना आय रूपये 6,00,000/- रुपये हो गई, जो उनके पूर्व की आय से चार गुना अधिक है। इसके अलावा, उन्होंने 8 अन्य लोगों को रोजगार भी प्रदान किया, जिससे समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन आया। आज कुलजीत कौर आस-पास के 10 से 15 ग्रामों से दूध इकट्ठा करके अपना व्यवसाय चला रही हैंप् इससे इनकी आमदनी तो बढ़ी ही है साथ ही इन ग्रामों के लोगों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है।
नियोजन और बाजार
नामधारी डेयरी के उत्पाद नर्मदापुरम जिले के लोकप्रिय डेयरी उत्पादों में से एक हैप् उनके उत्पाद जिले और प्रदेश के भीतर विभिन्न बाजारों में विक्रय किए जाते हैं। कुलजीत कौर का व्यवसाय FASSI पंजीकृत है, जिसका पंजीयन नंबर 11422110000123 है। यह पंजीकरण उनके उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा का प्रमाण है।
निष्कर्ष
कुलजीत कौर की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। उनकी मेहनत, लगन और सही अवसर का लाभ उठाने की क्षमता ने उन्हें एक सफल उद्यमी बना दिया। उन्होंने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया बल्कि समाज के अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर प्रदान किए।